1 Part
41 times read
0 Liked
ज़रूरत सख़्त होती है जवानी में बहारों की, तभी तो फ़िक्र होती है बुढ़ापे में सहारों की। जब उसके होट आ जाते हैं ख़ुद से मेरे होटों तक, भड़क जाता है ...