लेखनी कविता -14-Jun-2024

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शीर्षक - अपने अपने तो अपने ही होते हैं। बस अपने ही पराओं को लाते हैं। जिंदगी में सच अपने ही होते हैं। स्वार्थ फरेब अपने ही रखते हैं। आज कल ...

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