चाहत

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देखकर आप यूँ मुस्कुराते रहे। रात भर ख्वाब हम भी सजाते रहे। तुम खफा हो गए पर वजह ना मिली। दूर होते रहे पास आते रहे। हैं सजर झूमते छा गईं ...

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