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प्रतियोगिता हेतु रचना खोया सिक्का ************* सिक्का खोया है मेरा जीवन के उन अरमानों का। अरमान धरा पर धरे रह गए न मोल लगा परवानों का।। जीवन की ज्योति जलाई थी ...