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अधूरी आस दिन प्रतिदिन के क्रिया कलापों में बड़ा ही व्यस्त रहता हूं, पर तुम्हारी यादों में गुम मस्त मलंग सदृश रहता हूं। बस एक झलक पाकर तेरी, मन प्रफुल्लित हो ...