पागल नदी

1 Part

18 times read

0 Liked

प्रतियोगिता हेतु रचना  पागल नदी  ********** पावस ऋतु की मदिरा को पीकर नदी हो गई पागल।  झूम के ऐसे नृत्य कर रही जैसे पैरों में पड़ी हो छागल।। छम छम करती ...

×