......मोहन....

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मीठी सी मुस्कान तुम्हारी, मन को मेरे मोहे। अधरों पे जो सजी मुरलिया, गीत प्रेम के बोले । चाल तुम्हारी एसी मोहन , ज्यों नाचे बरखा में मोर। रंग मे तेरे ...

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