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आत्मा.... जब थक जाओ सच झूठ के जाल से बेचैनियां लिबास की तरह लिपटने लगे पीड़ा आँखों में बसने लगे अधरों की मुस्कान पीड़ा में सिमटने लगे चुभने लगे कर्णो में ...