अपनी अपनी पीर

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सबकी अपनी अपनी व्यथा सबकी अपनी पीर , अपनी पीर पहाड़ सम, दूजै की दिखे नही तकलीफ । चोट लगे जिस पांव में , दर्द उसी को होय , कांटा न ...

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