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नज़्म सरस,स्नेह के सपने जिनसे जुड़े थे आँखों के सपने सभी आज टूटे। दर्दे दिल का दवा जिसको समझे, तन्हाइयों में वो अब मुझसे रूठे। दिल की जो बातें कहीं हमने ...