दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय ईर्ष्या

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ईर्ष्या तू न गई मेरे मन से, तेरी आग में जलता रहता हूँ, तेरी लपटों में घिरा रहता हूँ, तेरी ताप से तड़पता रहता हूँ। तू मेरे दिल की गहराई में ...

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