कोमल को कमज़ोर नहीं (कविता )-16-Aug-2024

1 Part

39 times read

3 Liked

कोमल हूँ कमज़ोर नहीं मैं भारत की नारी हूंँ कोमल हूँ कमज़ोर नहीं, अरि की नज़र पड़ी जो मुझ पर उगता सूरज भोर नहीं। तुम झांँसी को लेने आए समझ रहे ...

×