लेखनी कविता -16-Aug-2024

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शीर्षक - तन्हा तन्हा और तन्हाई के साथ रहते हैं। सच और झूठ फरेब हम रखते हैं। तन्हा हम सभी अपने को कहते हैं। अकेले जीना और मरना तन्हा होते हैं। ...

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