कर्तव्य पथ पर तू चलता चल, दैनिक लेखनी कहानी -20-Aug-2024

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कर्तव्यपथ पर तू चलता चल...... ज़िंदा रहने के लिए जिंदादिल बन, मुड़कर न देख नूतन शुरुआत कर। बाधाएँ  राह  पर  आती  ही  हैं, कर्तव्य  पथ पर तू चलता चल। मंजिल क्यों ...

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