लेखनी कविता -22-Aug-2024

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शीर्षक - हताश हताश हम देख मौसम हो जाते हैं। हमारे काम और होने रह जाते हैं। बस जीवन और जिंदगी रहती हैं। हम जीवन में हम हताश न होते हैं। ...

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