मैं बेटी हूॅं

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मैं बेटी हूॅं  जिसको जो कहना कह जाए कहने से ना हम घबड़ाए बांध नहीं रख सकता कोई रोक कोई न हमको पाए, निज कर्मों से आगे बढ़कर गगन चूम मैं ...

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