मुद्दत के बाद

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मुद्दत के बाद एक मुद्दत के बाद, इस दिल को करार आया है, क्यों ना हो खुद पे गुरूर, जो, हम पर उन्हें, टूट कर प्यार आया है, उदासियों में डूबा ...

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