लेखनी कविता - प्रेम में डूबी आँखें।।

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प्रेम प्रेम में डूबी आँखें मेरी, दिल में जज्बातों का शोर है, तन्हाइयों भरे अंधेरे के बाद, एहसासों की हुई भोर है, शीतल, मंद सुगंध और धीमी, धीमी बहती हुई ब्यार ...

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