लेखनी कविता - ।। मैं।।

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मैं  मैं, हर किसी की समझ में कहां आती हूं  पर जो समझ ले, उसके दिल में बस जाती हूं, शब्दों की ज़रा कमी है मेरे पास, अक्सर खामोशियों में सुनी ...

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