लेखनी कविता - तमन्नाओं से भरी मैं

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।।तमन्नाओं से भरी मैं।। तमन्नाओं से भरी मैं, कुछ अलग करने की चाह रखती हूं, बेख्याली में भी, नित नए ख्याल बुनती हूं, एक सपने के पूरा होने के पर, अगली ...

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