देव लोक से उतर के आई... (हिन्दी ग़ज़ल)

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1. देव  लोक  से  उतर  के  आई  अपनी  नंगी   लाश  लिए,      दलितों  की एक करूण  कहानी, अधरों पर संत्रास लिए।  2. लू  के  गर्म  थपेड़े  खा  कर  हम  आए  ...

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