इंसाफ

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इंसाफ--------- गजल--------- मुफलिसी ने इंसान को इस कदर मारा। इंसाफ के लिए दर-बदर फिरता बेचारा।। मुकदमा दर्ज कर मैंने मुशीबत मोल ले ली वकीलों और गवाहों ने किया बंटाधारा।। इंसाफ----------१ न ...

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