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प्रतियोगिता हेतु दिनांक: 04/02/2025 बेहिसाब ख़्वाबों में जीने की तमन्ना पलती रही बेहिसाब। वक्त नहीं रुका कभी सांसें चल रही बेहिसाब। ये दिल नहीं ठहरा कहीं, धड़कनों में बसी आदतें बेहिसाब। ...