लेखनी कविता-08-Feb-2025

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वादा था   तेरा होकर रहने का अब किसी ओर की चाहत बनने की  खातिर आईने को निहारती हूं  वादा था तुझसे मोहब्बत कर  तुझे आंखों में बसाने का अब आंसुओं ...

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