अब किससे दिखाऊं  अपने दिल का दरार सौदागर बन बैठी है  मेरे सपनों की यार प्रतीक्षा करवा रही है  करने, दो पल का तकरार  क्या बोलूं उन्हें  वह है, यादों का ...

×