दैनिक प्रतियोगिता हेतु विषय खुदगर्ज

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खुदगर्ज तूने सोचा बस अपना ही फायदा, दूसरों का दर्द तुझे कब भाया? हर राह पर सिर्फ खुद को देखा, कभी न किसी का हाथ थाम पाया। तेरी आँखों में चाहत ...

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