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प्रतियोगिता हेतु दिनांक: 10/02/2025 ख़ुदग़र्ज़ ख़ुदग़र्ज़ दुनिया हर रिश्ता एक सफ़र है कोई कहाँ यहाँ, सबकुछ बेअसर है। मुस्कुराहटों में छुपी चालाकियाँ होंठों पर ज़हर फैले हुए हैं, ख़ुदग़र्ज़ ज़माना सब ...