Gazal

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🌹🌹🌹🌹ग़ज़ल 🌹🌹🌹🌹 निगाहे-नाज़ ज़मीं में गड़ाए बैठे हैं। न जाने आज वो क्यों सर झुकाए बैठे हैं। बताओ कैसे सजाऊं मैं मेह़फ़िल-ए-इ़शरत। घड़ी है ई़द की वो मुंह बनाए बैठे हैं। ...

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