1 Part
22 times read
1 Liked
सजल कभी खूब नाच नचाती है जिन्दगी। कभी सूकूँ की नींद सुलाती है जिन्दगी। किसी के लिए औलाद बेहद ज़रूरी है किसी घर में भूखा सुलाती है जिन्दगी। ईमान बिकता है ...