1 Part
14 times read
1 Liked
🌹🌹🌹🌹 ग़ज़ल 🌹🌹🌹🌹 अगर आप की मह्रबानी रहेगी। दिल-ए-मुज़तरिब पर जवानी रहेगी। चुका जाइए क़र्ज़ बोसे का दिलबर। ह़सीं रुख़ पे कुछ शादमानी रहेगी। दरस आप के यूं ही होते रहे ...