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रोशनी चिराग की या रोशनी हो आग की, लक्ष्य अपना साध लो मन को अपने बांध लो, मुश्किलें बढ़ीं हुई तकलीफें खड़ी हुई, इनसे तुम लड़े चलो पग–पग बढ़े चलो, मेहनत ...