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मां की जिंदगी जिंदगी हाय रे----------- जिंदगी। गांव मुहल्लों में झुग्गी-झोपड़ियों में मैंने घर की दहलीज़ों पर टुटती-बिखरती पल -पल घुंटती खुद को कोसती हुई देखी ...