कविता -29-Oct-2021

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आत्मा की तृप्ति,,,, खिल जाता है मेरा चेहरा मुस्कान आ चस्पां होती है। पूरा दिन रौशन -सा हुआ है जब बिटिया बाबा कहती है। गुनगुनाते नींद सिरहाने आती है परेशानियाँ आसां ...

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