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चांदनी-------- प्रेम गीत----- अलसुबह की धूप हो तुम या अर्ध रात्रि की चांदनी। मेरे ❤️ दिल पर ऐसे छांईं, जैसे घर में फैली रोशनी।। तुम्हें बनाकर ऊपर बाला भी वाकई पछताया ...