लेखनी कहानी -02-Nov-2021

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#कटाक्ष  शर्म नहीं है मर्म नहीं हैं।  नेताओं का कोई धर्म नहीं है।  चिताओं से सजता सिंघासन जिनका,  उनका कोई नया कर्म नहीं है।  हाहाकार मचा है चौराहों पर,  गलियों में ...

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