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रँग भरे त्योहारों में गर होते नही जो रँग रँगों के बिन फीके पड़ जाते सबके ढंग ऐसे ही गर प्रकाशमय होगी नही दीवाली तो कैसे बच्चे जुड़ेंगे इक दूजे ...