ढलती शाम

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 आज भी तेरा जिक्र कर जाती है हर ढलती हुई शाम, आज भी यूं लगता लाई है टिमटिमाते तारे लाए तेरा पैगाम। जब भी मैने सोचा शायद तुझे मैं भूल गया, ...

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