तुम हो परदेशी

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मेरे  मुस्कुराते होठों को गम की आहों से सजा देता है तुम तो हो परदेशी   मुझे दूरी का एहसास करा देता है हाँ में हूँ परदेशी साथ तेरा  न दे पाऊं ...

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