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लोककथ़ाएँ फुर्र-फुर्र: लोक-कथा एक जुलाहा सूत कातने के लिए रुई लेकर आ रहा था। वह नदी किनारे सुस्ताने के लिए बैठा ही था कि जोर की आँधी आई। आँधी में उसकी ...