फ़रियाद

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मेरी वफाओं को तुम कभी तो याद करोगे ! आके मेरी भी गलियों में कभी तो फ़रियाद करोगें ! जब नही रहूँगी दुनियां में तो तुम मिलने की दुआँ करोगें ! ...

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