कविता ःअमानत

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कविता ः कविता ःअमानत ★★★★★★★★ यह जीवन 'उसकी ' अमानत अनमोल है यह जिसकी न होगी भरपाई कभी चार दिनों की जिंदगी है,चंद साँसों संग कर्मरथ पर चलें हम लेकर सुकर्म ...

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