लेखनी प्रतियोगिता -10-Nov-2021 आईना

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शीशा है मेरा दिल कहीं टूट ना जाए , आईने की तरह कहीं बिखर ना जाए,  प्यार तुम्हें किया है इतना ओ बेखबर,  मोहब्बत में तेरी मेरे आंँसू बह ना जाए ...

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