आईना के मुक्तक

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मुक्तक गरीबी  का  नहीं  आभास , होता  धन  के दर्पण में। मगर अन्याय दिखता है, हर इक जीवन के दर्पण में।। भले  देकर  के  धोखा  तुम किसी को लूट लो लेकिन। ...

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