बन्द आंखो के ख्वाब

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बंद आंखों के ख्वाब को हकीकत समझते रहे। उनके वक़्त बिताने को हम मोहब्बत समझते रहे। ज़माना खूब आजमाता है,ज़रा संभल के चलना। दिल टूटता गया और हम मरहम समझते रहे। ...

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