निशाने ए इश्क़

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      "निशान  ए  अक्स" गज़ल निशान- ए- ज़मीं पर, वो आसमाँ में चल दिऐ,  इश्क़ का था ख़ुमार, बरपा के चल दिऐ । ख़ुशहाल ज़िंदगी का आलम, मुसल्लम कर ...

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