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लक्ष्य -------------● कर्म लक्ष्य है ,धर्म लक्ष्य है तारे मानव जो सत्कर्म लक्ष्य है जीवन के केंद्र में ले जाए ऐसे भाव और मर्म लक्ष्य है रुकना और थम जाना बेकार ...