शिकायत

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अब भी तिरछे बाल बनाती हो क्या  बोलो बिंदी लाल लगती हो क्या    हम पर जैसे गिराती थी पहले  बिजलियाँ आज भी गिराती हो क्या    आवाज़ सुनकर जैसे दौड़ी ...

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