मंजुला दुर्भाग्य या सौभाग्य भाग(12)

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सुबह जब आँख खुली वह अचंभित थी अभी तक दीपक नही आया था रोज मध्यरात्रि के बाद आ जाता था। कहीं ऐसा तो नही जल्दी उठकर  बाहर चला गया हो, हाँ ...

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