गुमशुम

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थकती ना जुबां कहते-कहते,  मैं अब गुमसुम रहने लगा हूं ।  चिल्लाते दोस्त गलियों में  मैं चुप चुप रहने लगा हूं। शाम के वक्त ना देखी छत कभी मैं अकेले टहलने ...

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