1 Part
208 times read
4 Liked
थकती ना जुबां कहते-कहते, मैं अब गुमसुम रहने लगा हूं । चिल्लाते दोस्त गलियों में मैं चुप चुप रहने लगा हूं। शाम के वक्त ना देखी छत कभी मैं अकेले टहलने ...