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प्रकृति की गोद में इन हसीन वादियों में जी चाहता है समा जाऊँ संँगीतमय कल -कल गंँगा की पावन नदियांँ सा निर्मल हो जाऊँ जी चाहता है बनकर लयमय धुन मै ...